New Delhi: ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद मध्य प्रदेश में राजनीतिक उठापटक और तेजी हो गया है। सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायकों को इस्तीफे के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को टूट का डर सता रहा है। देर रात भाजपा के 106 विधायकों को भोपाल से दिल्ली ले जाया गया। उधर तोड़-फोड़ की आशंका के चलते कांग्रेस भी अपने विधायकों को जयपुर भेजने की तैयारी कर रही है।
भोपाल में भाजपा पार्टी ऑफिस के बाहर से बसों के द्वारा विधायकों को एयरपोर्ट भेजा गया। वहां से सभी को मंगलवार देर रात गुरुग्राम के होटल आईटीसी ग्रैंड भारत में ठहराया गया है। कांग्रेस भी अपने विधायकों को राजस्थान ले जाने की तैयारी में है। बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार हरियाणा में सत्ता में है, जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार राजस्थान में शासन कर रही है।
इससे पहले विधायकों को यह नहीं बताया गया कि उन्हें कहां ले जाया जाएगा। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि हम होली खेलने जा रहे हैं। हम हवाईअड्डे पर बसों से जा रहे हैं। पार्टी नेताओं के निर्देशों के बाद हम हवाईअड्डे से किसी स्थान के लिए जाएंगे।
इस बीच, कमलनाथ अपनी सरकार को बचाने के की कोशिशों में लग गए है। कांग्रेस ने अपने दो नेताओं सज्जन सिंह वर्मा और गोविंद सिंह को बेंगलुरू में मौजूद बागी विधायकों को मनाने के लिए भेजा है। वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद मंगलवार को 22 विधायकों ने भी प्रटी से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने वाले विधायकों में छह मंत्री भी शामिल हैं।
वहीं, मध्य प्रदेश में जारी सियासी ड्रामे के बीच सीएम कमलनाथ ने दावा किया कि उनके पास बहुमत है। कमलनाथ ने मंगलवार शाम कहा, ‘घबराने की जरूरत नहीं है, हम बहुमत साबित करेंगे। हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। जिन्हें इन लोगों ने कैद करके रखा है, वे मेरे संपर्क में हैं।’