श्वेता कक्षा नौ की छात्रा है, परिवार को चलाने के लिए वह सिलाई करती है जिससे जैसे-तैसे परिवार की जिन्दगी घिसट रही है, क्या बड़बोले सीएम शिवराज सिंह चौहान के पास इस परिवार के लिए कोई योजना नही?
ऐसे में परिवार को चलाने की जिम्मेदारी 14 साल की श्वेता साहू पर आ गई जिसे वह सिलाई करके निभा भी रही है। श्वेता स्कूल भी जाती है और वह कक्षा नौ की छात्रा है। श्वेता सिलाई और पढ़ाई के साथ घर में मां का भी हाथ बंटाती है और दोनों बहनों को भी संभालती है। श्वेता जो सिलाई करती है उससे जैसे-तैसे परिवार का गुजारा हो जाता है।
यह खबर जब भारतीय तैलिक साहू राठौर महासभा मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र साहू को मिली तो युवा प्रदेश अध्यक्ष दिनेश सिललन साहू के साथ उनके गाँव पहुंच कर इस परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए मदद के लिए सरकार से गुहार लगाई है। इसके अलावा वहां पहुंच कर इन दोनों ने लोकल स्तर पर तत्काल साहू समाज की बैठक करके मौके पर ही आर्थिक सहायता मुहैया करवाई और सरकार से श्वेता के परिवार को आर्थिक मदद देने की गुहार लगाई है। ताकि श्वेता का बचपन बर्बाद न हो और वह पढ़ सके।
श्वेता ने बताया कि शासकीय योजनाएं सिर्फ दिखावा है, जनप्रतिनिधियों की जनसुनवाई सिर्फ और सिर्फ औपचारिकता है। हमने कलेक्टर से लेकर सभी जनप्रितिनिधियों और अधिकारियों से मदद के लिए गुहार लगाई, लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की। यहां तक की सीएम हेल्प लाइन पर भी समस्या बताई, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।
परिवार को दो वक्त की रोटी भी बड़ी मुश्किल से नसीब हो पा रही है। पिता वीरेंद्र साहू को गंभीर बीमारी है, जिसको मेडिकल साइंस में लाइलाज माना जाता है। इस परिवार के लिए शासन के पास कोई योजना नहीं है और न ही जनप्रतिनिधियों के पास कोई फंड है।
प्रदेश के मुखिया यात्राओं के नाम पर करोड़ों खर्च कर रहे हैं, लेकिन इस परिवार को देने के लिए दो कौड़ी भी नहीं है, क्या प्रदेश सरकार की बेटी पढ़ाओ बेटी आगे बढ़ाओ योजना इसी को कहते हैं। भाजपा सरकार के पास इस 14 वर्षीय बालिका श्वेता साहू की समस्या को हल करने का कोई उपाय नही है। नरसिंहपुर कलेक्टर, राज्य मंत्री जालम सिंह पटेल और प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के पास भी बच्ची के परिवार की मदद करने के सवाल का कोई जवाब नहीं है।