
अनिल उपाध्याय
देवास। आशा एवं उषा कार्यकर्ताओं ने उनकी प्रमुख मांगों को लेकर शनिवार को खातेगांव में संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा पटेल के नेतृत्व में नगर के प्रमुख मार्गो से नारेबाजी करते हुए रैली रैली निकाल कर नायव तहसीलदार अभिषेक मेहता को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
इस से पूर्व आशा उषा संगठन की महत्वपूर्ण बैठक सामुदायिक भवन में आयोजित की गई। बैठक में आशा कार्यकर्ताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। आशा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आपकी आवाज एक सामाजिक संगठन एंव आशा उषा संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती पूजा पटेल ने कहां की आशा कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगी को नियमित कर स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी मान्य किया जाए।
आशा को प्रतिमाह ₹15000 एवं आशा सहयोगी को ₹20000 प्रतिमाह निश्चित वेतन दिया जाएगा। आशा और आशा सहयोगी को स्वास्थ्य विभाग में अकाउंटेंट बी CM एवं अन्य पदों पर सीधी भर्ती में वरीयता दी जाये। आशा और आशा सहयोगी को संपूर्ण भारतवर्ष में एक सम्मानीय नाम और एक ड्रेस कोर्ट दिया जाए।
आशा सहयोगी को सुपरवाइजर का नाम दिया जाए और पूरे भारतवर्ष में भी लागू किया जाए श्रीमती पटेल ने यह भी कहा कि आशा व आशा सहयोगी के कार्यरत रहने से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े ही अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आई हैं।
एवं जनसंख्या वृद्धि में भी काफी हद तक रोक लगी। देश में जनसंख्या के विस्फोट होने से रोका गया हैं। जिसमें स्वास्थ विभाग का सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। आशा कार्यकर्ताओं को सम्मानजनक वेतन एवं उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार ने हमारी मांगों पर विचार नहीं किया तो राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़े जन आंदोलन से इनकार नहीं किया जा सकता।
आपने कहा कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रदेश की आशाओं का एक बड़ा आंदोलन होगा जिसमें। आगामी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। श्रीमती पटेल ने यह भी कहा कि प्रदेश नहीं वरन पूरे राष्ट्र में आशा एवं आशा जमीनी स्तर से जुड़कर शासन के महत्वपूर्ण अंग स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
लेकिन उसके बावजूद भी शासन-प्रशासन ने आज तक इनकी कोई सुध नहीं ली। इन्हें नियमित करने की बात तो दूर इन्हें सम्मानजनक कोई वेतन भी नहीं दिया जा रहा हैं। सरकार ने हमारी मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार नहीं किया नहीं किया तो सरकार परिणाम भुगतने को तैयार रहें।