बेताब अहमद,
पटना : बिहार का वार्षिक वित्तीय बजट 2017-18 वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्धिकी द्वारा सोमवार को सदन में पेश किया जाएगा. इस बार के बजट में एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों पर फोकस रहेगा. बताया जा रहा है कि इस बार में बजट में किसी भी तरह का नया कर शामिल नहीं किया गया है. इस वजह से लोगों को बढ़ती कीमतों और महंगाई से राहत मिल सकती है.
सूत्रों के अनुसार इस बार किसी तरह का मनी बिल भी सदन में नहीं लाया जाएगा, जिससे वर्तमान करों में कोई बदलाव नहीं होगा. इसके परिणाम स्वरूप सामान की कीमतों में इजाफा होने के कम ही आसार हैं. राज्य सरकार पहले ही वैट में दो बार वृद्धि कर चुकी है, इसके अलावा मोटर वाहन रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की दरों में भी पिछले साल ही वृद्धि की गयी थी. वहीं पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले अधिभार की दरें भी पहले ही 20 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दी गयी हैं.
वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी
माना जा रहा है कि इस बार का बजट भी पिछले साल की तरह ही सात निश्चय पर आधारित होगा. शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. पिछले साल की तुलना में इस बार का बजट करीब 10 प्रतिशत अधिक होगा. पिछ्ले साल 1.44 लाख करोड़ का बजट पेश किया था. पिछले बजट में चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किए गए वादे सात निश्चयों की झलक साफ-साफ देखने को मिली थी. बजट में जहां एक ओर बेरोजगार युवाओं को 1000 रुपये मासिक भत्ता देने की घोषणा की गयी थी, वहीं स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के जरिए छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए चार लाख तक का ऋण भी देने की बात कही गयी थी, जिसकी शुरुआत भी कर दी है.
नीतीश ने बिहार में शराबबंदी महिलाओं की आग्रह पर ही लागू किया था. पिछले बजट में महिलाओं की प्राथमिकता को समझते हुए उनके लिए सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा भी की गयी थी। पिछले बजट के अनुसार राज्य सरकार ने सूबे में स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए उन्हें पूंजी मुहैया कराने समेत शिक्षण संस्थानों में मुफ्त वाई-फाई का लाभ भी देना शुरु कर दिया है. इस बार इन सुविधाओं में और इजाफा होने की उम्मीद है.
बजट 2016-17 में जहां शिक्षा के लिए सबसे ज्यादा 21897 करोड़ रुपये रखे गए थे. वहीं बिजली के लिए करीब 14370 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य के लिए 8234.70 करोड़ रुपये का बजट पास हुआ था.