पटना। एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव को लेकर भाजपा और जदयू आमने-सामने आ गयी है। दोनों दलों के निशाने पर अब जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर आ चुके है।
आपको बताते चले भाजपा के विधायकों और पार्षदों ने संयुक्त बयान जारी कर प्रशांत किशोर पर आरोप लगाया हैं कि पुलिस उनके इशारे पर एक अपराधी की तरह ABVP के नेता की तलाश कर रही है। हालांकि प्रशांत किशोर ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी किसी अधिकारी को कोई फोन नहीं किया है।
वहीं सोमवार को भाजपा के तीन विधायक और पार्षदों ने प्रशांत किशोर को खुली चेतावनी दी है। इनमें विधायक नितिन नवीन, अरुण सिन्हा और संजीव चौरसिया के साथ एमएलसी संजय पासवान शामिल है।
जिन्होंने प्रशांत किशोर को इवेंट मैनेजर करार देते हुए उन्हें छात्र संघ चुनाव से दूर रहने की नसीहत दी। भाजपा नेताओं ने कहा कि अगर प्रशांत किशोर की बेजा हरकतें जारी रहीं तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हालांकि भाजपा ने अपने बयान में प्रशांत किशोर का नाम नहीं लिया है मगर बिना नाम लिए ही सब कुछ कह डाला है।
बता दें, बीते दिनों पटना विश्वविद्यालय में ABVP और जदयू के कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट हुई। इस घटना को लेकर मामला पुलिस में दर्ज है। वहीं अब पुलिस ABVP के उम्मीदवारों की लगातार तलाश कर रही है।