बीएचयू की कथित जमीन खाली कराने गई थी रायना सिंह, हुआ था वादी से विवाद…
कोर्ट ने प्रार्थनापत्र को परिवाद के रूप में दर्ज करने का आदेश देते हुए परिवादी के बयान के लिए 31 मार्च की तिथि नियत कर दी।
लंका के तुलसीदास कॉलोनी (नरिया) निवासी आशीष कुमार सिंह ने अपने अधिवक्ता अंशुमान त्रिपाठी के जरिये अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। इस मामले में लंका थाने व उच्चाधिकारियों को सूचना देने के बाद भी जब कोई करवाई न हुई तो परिवादी ने अदालत की शरण ली थी।
आरोप है कि जब परिवादी ने चीफ प्रॉक्टर को कोर्ट का स्थगन आदेश दिखाया तो चीफ प्रॉक्टर रायना सिंह ने कोर्ट के आदेश को फाड़ दिया। उसके बाद उनके साथ आये लोगों ने जान से मारने की नीयत से परिवादी के सिर पर डंडे मारने लगे, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके बाद वे लोग परिवादी को जबरन अपनी गाड़ी में बैठाकर अगवाकर उठा ले गए।
बाद में जब आसपास के लोगों के साथ उसके परिवार के लोग चीफ प्रॉक्टर रायना सिंह के यहां पहुंचे तो पहले तो उन्होंने परिवादी को अगवा कर लाने की बात से इनकार किया, लेकिन जब लोग दबाव बनाने लगे तो परिवादी को घटना के बारे में किसी को न बताने की हिदायत देते हुए छोड़ा।