रॉफेल डील को लेकर प्रधानमंत्री को विपक्ष द्वारा घेरने की कोशिश तेज़…
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जो आरोप लगाया है वह बिल्कुल सत्य है। यूपीए सरकार में जो डील हुई थी उसके तीन गुना ज्यादा दाम पर इसकी खरीदारी की जा रही है। यूपीए सरकार ने उस समय तकनीकी ट्रांसफर की शर्त रखी थी अब वह शर्त गायब है। इस मुद्दे पर अब रक्षा मंत्री भी चुप हैं, वित्त मंत्री चुप हैं।
ज्ञात हो कि इस पूरे प्रकरण में प्रधानमंत्री को बचाने के लिए पूरी भाजपा जवाब देने से कतरा रही है। बनारस क्लब में बातचीत के दौरान डा। सिंह ने कहा कि बोफोर्स मुद्दे पर हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व। राजीव गांधी को क्लीन चिट दे चुकी है। फिर इस मुद्दे को उछालने का कोई मतलब नहीं है। लेकिन पिछले चार सालों में यह सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है।
करोड़ो युवा बेरोजगार हैं। लोगों के काम धंधे बंद हो गए हैं। नोटबंदी और जीएसटी से हर तरफ त्राहि-त्राहि मची है ऐसे में लोगों का ध्यान बांटने के लिए यह मुद्दा उठाया गया है। भाजपा सरकार ने पूरे देश को हाशिये पर डाल दिया है ऐसे में वरुण गांधी को पार्टी में हाशिये पर लाया तो क्या?
राज्यसभा में रेणुका और प्रधानमंत्री विवाद पर कहा कि यह महिलाओं का अपमान है। प्रधानमंत्री को इस पद की गरिमा का खयाल रखना चाहिए था। संसद में हंसी मजाक होते रहते हैं लेकिन जिस तरह से उन्होंने लक्ष्य करके कांग्रेस सांसद का नाम लेकर उन पर टिप्पणी की वह उचित नहीं।
हालांकि पूरे देश में और प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में पकोड़े प्रकरण को लेकर पहले से ही काफी हल्ला मच चुका है, सोशल मीडिया पर तो कई जगह एग्जाम की तरह एक क्वेश्चन पेपर भी आ चुका है सारे क्वेश्चन पकोड़े से ही संबंधित हैं देखना यह होगा कि देश पर कई दशक तक राज करने वाले कांग्रेस आगामी चुनाव में बाजी मारती है या सभी पार्टियों के विरोध के बाद भी प्रधानमंत्री के दूसरे कार्यकाल का राज्याभिषेक होगा यह तो आने वाला समय एवं 2019 का संसदीय चुनाव का परिणाम बताएगा।