मंत्री श्रवण कुमार ने कहा बास स्थल क्रय सहायता योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजनाओं के अनुसार इस वर्ग में वैसे परिवारों को 60 हजार रुपये की मदद वास स्थल खरीदने के लिए सरकार के द्वारा दी जाएगी। उन्हें तीन महीने के भीतर जमीन खरीदना है। जिनका चयन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हो गया है पर उनके पास घर बनाने के लिए जमीन नहीं है।
इसके अलावे 1996 के पहले क्लस्टर में बने जर्जर हो चुके इंदिरा आवास के फिर से निर्माण कराने के लिए सरकार संबंधित परिवार को 1.20 लाख रुपए उपलब्ध कराएगी। मंत्री ने कहा बेगूसराय में अभी भी लगभग 70 हजार गरीब लोग बेघर हैं। सरकार का लक्ष्य भी है हर आवास विहीन परिवार को घर उपलब्ध कराने का है।
वह सिर्फ बोले होंगे कि जिला अभी ओडीएफ घोषित होने के कगार पर है। बेगूसराय जिला को शीघ्र ओडीएफ घोषित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बिहार में अभी तक मात्र दो ही जिला को ओडीएफ घोषित किए गए हैं। जिसमें सीतामढ़ी और शिवहर जिला है। फिलहाल, बिहार के एेसे सात से आठ जिले ओडीएफ घोषित होने के कगार पर हैं ।
बल्कि एक व्यक्ति के द्वारा कान पकड़कर उठक बैठक करने के दौड़ान हंसने पर उसके साथ पदाधिकारी के द्वारा अभद्र बातें बोलकर हंसने वाले व्यक्ति को उन्होंने एक थप्पड़ भी गाल के ऊपर जड़ दिये थे तथा सभी लोगों से लोटा को प्रणाम कराकर खेत में शौच नहीं करने के लिए जाने का शपथ भी दिलवाया था।
इस संबंध में आप मंत्री जी क्या कहना चाहेंगे ? इस पर मंत्री ने कहा कि किसी भी पदाधिकारी को पीटने का अधिकार बिल्कुल नहीं है। साथ ही किसी को प्रताड़ित करने का भी अधिकार नहीं है।
यह मेरे संज्ञान में अभी आप लोगों के द्वारा दिया गया है। निश्चित रूप से उनके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई जांच उपरांत होगी ।
मंत्री, श्रवण कुमार से यह पूछा गया कि बिहार के मजदूरों को दूसरे राज्यों में जैसे आसाम, गुजरात और महाराष्ट्र में प्रताड़ित करने की घटना बार बार सुनने को हमें मिलता है। फिलहाल, गुजरात में बिहार के गरीब मजदूर को वहां पर प्रताड़ित किया गया है। इस संबंध में आप क्या कहना चाहेंगे।
इस सबाल का जबाव देते हुए मंत्री ने कहा कि इस घटना की पहले हम घोर निंदा करते हैं। मंत्री ने कहा कि बिहारियों के ऊपर डंडा चलाने वाले लोगों को हम कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने गुजरात सरकार से यह मांग करते हुए कहां कि वैसे लोगों को पकड़कर गुजरात की सरकार उस पर कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई करें।