पटना- राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने एक बड़ा दावा किया है. लालू प्रसाद ने दावा किया कि बिहार के CM नीतीश कुमार महागठबंधन में वापसी करने चाहते थे, मगर उन्होंने साफ-साफ मना कर दिया है. क्यों कि उनका नीतीश कुमार पर से भरोसा खत्म हो चुका था.
वहीं इस मामले को लेकर जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने लालू प्रसाद के इस दावे को ख़ारिज करते हुए इसे झूठा बताया हैं.
दरअसल, लालू प्रसाद पर लिखी एक किताब ‘गोपालगंज टू रायसीना: माय पॉलिटिकल जर्नी’ लांच होने वाली है. इस किताब ने लालू प्रसाद के हवाले से कई बड़े दावे किये गये हैं.
किताब के मुताबिक इसमें कहा गया है कि नीतीश कुमार ने जदयू उपाध्यक्ष और अपने विश्वासपात्र प्रशांत किशोर को अलग-अलग मौकों पर अपना दूत बनाकर उनके पास पांच बार भेजा. इसके आलावा प्रशांत किशोर ने गठबंधन को लेकर कई बार बात भी की. वहीं इस दावे को PK ने खारिज कर दिया है.
इस विषय को लेकर प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लिखा कि ‘लालूजी द्वारा बताए गए दावे गलत हैं. यह और कुछ नहीं बल्कि एक ऐसे नेता द्वारा अपनी प्रासंगिकता बताने की कोशिश का एक घटिया प्रयास है, जिनके अच्छे दिन पीछे छूट चुके हैं.’
The claims made by Laluji as reported are BOGUS. This is nothing but a poor attempt seeking relevance by a leader whose best days are behind him.
Yes, we did meet many times before I joined JDU, but if I were to tell what all was discussed then he would be quite embarrassed. https://t.co/9B5clUBxea
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 5, 2019
साथ ही उन्होंने आगे लिखा कि ‘हां, जदयू में शामिल होने से पहले हमने कई बार मुलाकात की, लेकिन अगर मुझे यह बताने को कहा जाए कि उसमें क्या चर्चा हुई तो वे काफी शर्मिंदा होंगे.’