राज कुमार जायसवाल की रिपोर्ट,
भोपाल। मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर गुरुवार को विधानसभा में बैठक बुलाई गई। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा, नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह शामिल हुए।
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के न होने पर आपत्ति जताई। जिसके बाद मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चल रही बैठक स्थगित कर दी गई।
इसके पहले मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर पिछले साल 28 अगस्त को आयोग में सदस्य की नियुक्ति के लिए बैठक हुई थी। जिसके बाद से कार्यकारी अध्यक्ष के सहारे काम चल रहा है। अध्यक्ष की नियुक्ति न होने से लगातार लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। लंबित मामलों में मध्यप्रदेश चौथे स्थान है।
7 साल से मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन का पद रिक्त
मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन पद पर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या देश के किसी भी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश को ही नियमानुसार चेयरमैन बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 13 सितम्बर, 1995 को गठित राज्य मानव अधिकार आयोग के चेयरमैन का पद 2010 से रिक्त है।
2010 में जस्टिस डीएम धर्माधिकारी मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उसके बाद पूर्व जस्टिस एके सक्सेना को कार्यकारी चेयरमैन बनाया गया। जब वे रिटायर हो गए तो रिटायर्ड डीजीपी नंदन दुबे को कार्यकारी चेयरमैन पद की जिम्मेदारी सौंप दी गई और फिलहाल हाईकोर्ट के रिटायर रजिस्ट्रार जनरल मनोहर ममतानी कार्यकारी अध्यक्ष जबकि दो सदस्यों के पद खाली हैं।
117 लोगों ने किया आवेदन
इधर, सूचना आयुक्त के खाली दो पदों को भरने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने कमेटी की बैठक बुलाने मुख्यमंत्री सचिवालय को प्रस्ताव भेजा है। पहले विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बैठक बुलायी गई लेकन नेता प्रतिपक्ष के आपत्ति के बाद बैठक स्थागित कर दी गई। मिली जानकारी के अनुसार सूचना आयुक्त बनने सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अधिकारियों सहित डॉक्टर, पत्रकार, किसान सहित 117 लोगों ने आवेदन किए हैं।