रेटिंग – 2.5/5
कास्ट- सुशांत सिंह राजपूत, कृति सेनन, जिम सरभ, वरूण शर्मा
डायरेक्टर – दिनेश विजन
प्रोड्यूसर – दिनेश विजन, होमी अदजानिया, भूषण कुमार
पाजिटिविटी- सुशांत सिंह राजपूत-कृति सेनन की दमदार की दमदार केमेस्ट्री

शिखा प्रियदर्शिनी
मनोंरंजन डेस्क। शर्टलेस शिव (सुशांत सिंह राजपूत) की एंट्री गुरूद्वारा में पानी से सिक्स पैक्स एब्स के साथ निकलते हुए होती है। इस तरह से फिल्म के पहले शॉट के साथ फिल्म शुरू होती है।
शिव बुडापेस्ट में काम करने जाता है। लोग सोचते हैं कि बैंकर बोरिंग होते हैं लेकिन ये पंजाबी मुंडा सभी मिथकों को तोड़ता है। वो काफी गुडलुकिंग है, अपनी पटाने वाली लाइन के साथ फर्ल्ट करता है, इसी तरह एक डेट पर उसकी नजर बेहद क्यूट सी सायरा पड़ती है। बस उसी समय शिव को सायरा पसंद आ जाती है।
वो अपने स्टाइल में सायरा को इंप्रेस करने की कोशिश करता है और सायरा को भी धीरे-धीरे शिव अच्छा लगने लगता है। जल्द ही दोनों कपल को समझ आ जाता है कि उनकी बॉन्डिंग वन नाइट स्टैंड से बढ़कर है। इन सबके बीच सायरा को पानी में डूबने के और पुरानी जिंदगी के धुंधले सपने आना बंद नहीं होते हैं। वो हाइड्रोफोबिया से भी ग्रसित है।
उसका शक तब बढ़ जाता है जब उसे शिव के साथ एक अलग ही कनेक्शन समझ आता है और एक शख्स उन्हें बताात है कि इतिहास खुद को दोहरा रहा है।जी मर्चेंट (जिम सरभ) एक शराब व्यापारी और उसके आस पास एक अलग ही आबो हवा है। सायरा को उससे भी कुछ कनेक्शन महसूस होता है । बाकी फिल्म इस कहानी के बारे में आगे बताती है।
बात अगर डायरेक्शन की करें:
बॉलीवुड में कई फिल्में पुर्नजन्म पर बन चुकी हैं। लेकिन राबता से डेब्यू कर रहे डायरेक्टर दिनेश विजन ने एक अलग तरह की फिल्म बनाई है खासकर फिल्म के बैकड्रॉप और प्लॉट की बात की जाए तो।
हालांकि वो फिल्म को रूढ़िवादी सोच और लॉजिक से बचा नहीं पाते हैं। वो अपने लीड स्टार्स की केमेस्ट्री ऑन्स्क्रीन शानदार तरीके से दिखाने में कामयाब रहे। फिल्म के दोनों हिस्सों में उनकी केमेस्ट्री बहुत अच्छी है। वो पिछली जिंदगी को अच्छे से दिखा पाने में कामयाब नहीं रहे और ये जरा सा आधा अधुरा आइडिया लगता है।
फिल्म का फर्स्ट हाफ सुशांत-कृति के लव ट्रैक पर पूरी तरह आधारित है।उनक रोमांस आपको भी पसंद आएगा। फिर भी आपका ध्यान घड़ी की सुईयों पर जाएगा क्योंकि प्लॉट को काफी खिंचा गया है।
बात करते हैं परफॉरमेंस की:
सुशांत सिंह राजपूत अपनी एक्टिंग से एक बार फिर आपका दिल जीत लेंगे। वो अपने माचो अंदाज में काफी सहज भी लगे हैं।वहीं एक योद्धा के रूप में भी वो काफी पावरफुल लगे हैं। बस उनका बोलने का लहजा आपको अजीब लग सकता है।
कृति सेनन भी फिल्म में अच्छी लगी हैं। जब एक्टिंग की बात आती है तो वो दिलवाले से भी ज्यादा बेहतर इसमें लगी हैं लेकिन अभी भी उन्हें काफी लंबा सफर तय करना है।
फिल्म के पक्ष में दोनों की केमेस्ट्री काम कर जाती है। उनके अजीब वनलाइनर्स के साथ भी अच्छे लगे हैं। जैसे ‘उफ्फ कितना चीजी है तू!..बेबी मेरा कुछ पार्ट चॉकलेटी भी है।
दीपिका पादुकोण का गाना फिल्म में काफी बाद में आता है।
और अब तकनिकी पक्ष:
लेखर सिद्धार्थ-गरिमा जिन्होंने राम-लीला जैसी फिल्म की कहानी लिखी है, इस बार उन्होंने पुर्नजन्म की कहानी लिखी है। लेकिन फिल्म में वो उपन्यास वाला फैक्टर लाने में नाकामयाब रहे। और हां जो आरोप इस फ़िल्म पे लग रहे तो बताते चलें की फिल्म राम चरण तेजा-काजल अग्रावाल की मगधीरा से काफी अलग है।
अब बात करते हैं संगीत की:
सारे गानों में ‘इक वारी आ’ और ‘मैं तेरा ब्वॉयफ्रेंड’ जो आखिरी में आता है, सबसे अच्छे गाने हैं।
निष्कर्ष:
फ़िल्म अच्छी है, काफी हद तक पैसा वसूल।