यूपी पुलिस नें मुठभेड़ के बाद 4 बदमाशों को किया गिरफ्तार, 2 फरार…

शबाब ख़ान
नोएडा: बहुचर्चित जेवर हत्याकांड, लूटपाट और गैंगरेप मामले का यूपी पुलिस ने खुलासा किया है। उल्लेखनीय है कि 24 मई की रात में जेवर-बुलंदशहर रोड पर साबौता के पास लूटपाट के बाद 4 महिलाओं से गैंगरेप किया गया था।
विरोध करने पर परिवार के एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। पीड़ित परिवार के 8 सदस्य अपनी गाड़ी से बुलंदशहर बीमार परिजन को देखने अपनी कार से जा रहे थे जब उनकी गाड़ी को हाईवे पर होल्डअप करके इस ह्रिदयविदारक घटना को अंजाम दिया गया था। इस मामलें में योगी सरकार की कानून-व्यव्स्था को लेकर खासी किरकिरी हुई थी।
मई में हुए बहुचर्चित जेवर गैंगरेप और मर्डर केस के बाद से यूपी पुलिस पर इस बर्बर कांड के दोषियों को पकड़ने का दबाव था। इस कांड की देशभर में चर्चा हुई थी और इससे योगी सरकार में यूपी में लॉ ऐंड ऑर्डर को लेकर सवाल उठे थें। पूरे कांड की तफ्तीश में जुटी यूपी पुलिस पड़ोसी राज्यों में भी आरोपियों की तलाश कर रही थी।
पुलिस को जानकारी मिली कि जेवर में कुछ बदमाश किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसके बाद पुलिस की टीम ने बदमाशों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। आखिरकार संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद 4 बदमाश पकड़ लिए गए जबकि 2 बदमाश पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े। पुलिस का दावा है कि ये बदमाश बावरिया गिरोह के सदस्य हैं और जेवर में हाईवे पर एक परिवार के साथ हैवानियत और एक शख्स के मर्डर को अंजाम दे चुके हैं।
जेवर और बुलंदशहर में करीब 11 महीने के भीतर हुईं दोनों वारदातें महज 36 किलोमीटर की दूरी पर एक ही सड़क पर लगभग एक ही तरीके से अंजाम दी गई थी। दोनों में फर्क सिर्फ गाड़ी रोकने के तरीके में आया। बुलंदशहर वाली वारदात गाड़ी पर एक्सल फेंक पर गाड़ी रुकवाकर अंजाम दी गई थी जबकि जेवर में गाड़ी को टायर पंक्चर करके रुकवाया गया था। इन दोनों घटनाओं से यमुना एक्सप्रेस-वे पर सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठे थे।
जेवर में गैंगरेप और हत्या की यह वारदात उसी सड़क पर हुई थी जिस पर पिछले साल 29 जुलाई 2016 की रात को बुलंदशहर गैंगरेप केस हुआ था। तब इसी तरह यात्रा कर रहे एक परिवार की महिलाओं के साथ परिवार के पुरुष सदस्यों के सामने गैंगरेप हुआ था। उस समय कानून-व्यव्स्था को लेकर तत्कालीन अखिलेश सरकार की काफी आलोचना हुई थी। बुलंदशहर कांड को लेकर तब के यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने विवादित बयान भी दिया था जिसके लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त माफी भी मांगनी पड़ी थी।
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