निलेश पराशर की रिपोर्ट,
रांची। झारखंड के सभी 172 आदिम जनजाति गांवों को झारखंड सरकार ने नए वर्ष का तोहफे के रूप में पेय जलापूर्ति योजना की स्वकृति प्रदान की है। राज्य में कूल 2.23 लाख आदिम जनजाति निवास करती है।
आदिम जनजाति राज्य के दुमका, गुमला, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, हजारीबाग, खूंटी, लातेहार, पाकुड़, गोड्डा, गिरिडीह, सरायकेला, और लोहरदगा जिले में निवास करती है। इनकी जिलों की आर्थिक एवं समाजिक स्थिति को देखते हुए पेय जलापूर्ति का मसौदा तैयार किया गया है।
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंता रमेश कुमार ने बताया कि आदिम जनजाति के लोगों को विभिन्न प्रकार के बीमारियों एवं फ्लोराइड युक्त जल से होने वाले विभिन्न प्रकार के रोगों से बचाव के लिए सरकार ने इस प्लान को धरातल पर लाने कि निर्णय लिया है।

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इस योजना में कुल 12 जिलों के 32000 हजार गांवों के 2.23 लाख आबादी लाभान्वित होगी, पेयजल आपूर्ति योजना में कूल एक हजार करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।
प्रथम चरण में फिलहाल 172 गांवों में पेयजलापूर्ति योजना का कार्य शुरू करने कारण आदेश दे दिया गया है।