– उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद से होगी टीकाकरण की शुरुआत…
– पशुधन को खुरपका-मुंहपका और गलाघोंटू रोग से बचाएगा टिका…

प्रियेश कुमार “प्रिंस”
उत्तर प्रदेश (लखनऊ)। कोरोना वॉरियर की लिस्ट में अब पशु चिकित्सक और वालंटियर भी शामिल हो गए हैं। पशुधन को बचाने के लिए राष्ट्रीय पशु एवं डेयरी विकास परिषद पशु चिकित्सकों को गाँव-गाँव किसानों के पास भेजकर पशुओं के टीकाकरण का कार्य शुरू कराने जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत परिषद प्रदेश के कौशाम्बी जनपद से करने जा रहा है ताकि पशुओं को गला घोटू बीमारी से बचाया जा सके।
इस टीकाकरण अभियान के अंतर्गत पशु चिकित्सक एवं वालंटियर सभी बचाव उपकरणों, सुरक्षा मानकों को अपनाते हुए गाँव गाँव किसान परिवार में जाकर पशुओं में फैलने वाली जानलेवा विमारियों के लक्षणों को चिन्हित कर टीकाकरण का कार्य करेंगे।
राष्ट्रीय पशु एवं डेयरी विकास परिषद ने पशुओं में फैलने वाले मुंहपका – खुरपका एवं गलघोटू जैसी जानलेवा विमारियों से पशुधन को बचाने हेतु सघन टीकाकरण अभियान शुरू कर रहा है। जनपद कौशाम्बी क्षेत्र में फिलहाल किसी भी किसान के पशुओं में मुंहपका – खुरपका और गलघोटू बीमारी के लक्षण पता चलने पर वैक्सीन लगाया जाएगा।
टिकाकरण अभियान को लेकर परिषद का कहना है कि इस वैक्सीन के कारण गर्दन पर सूजन आना एवं मामूली बुखार आना एक सामान्य प्रक्रिया है। इससे पशुपालकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। वैक्सीन करवाने के बाद पशुओं को छाया में रखना चाहिए। शाम के समय पशु को गुड़ और तेल की आवटी पिलाएं। इससे भी दूध कम नहीं होगा। विभाग के कर्मचारियों द्वारा वैक्सीन की कोल्ड चेन पूर्ण रूप से मेंटेन की जाती है। टीकाकरण अभियान के लिए विभाग द्वारा सभी आवश्यक दिशा निर्देश विभाग की टीम को दे दिए गए हैं। वैक्सीन शेड्यूल जारी कर दिया गया है। जिस गांव में टीकाकरण होगा उससे पहले वहां सरपंच के जरिए भी जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।
राष्ट्रीय पशु एवं डेयरी विकास परिषद के अध्यक्ष वशिष्ठ तिवारी ने बताया कि परिषद के वालंटियर व चिकित्सको की पूरी टीम सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए और मास्क लगा कर जनपद के गाँव गाँव मे जाकर पशुओं के टीकाकरण का कार्य करेगी ।