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गरीबों के मसीहा थे कोडरमा के पूर्व सांसद रीतलाल वर्मा
By Sub Editor Mukesh GoswamiOct 04, 2018, 07:02 am
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मुकेश कुमार गोस्वामी
कोडरमा। जिले के पूर्व सांसद गरीब गुरबा मजदूर किसानों दबे-कुचले लोगों के मसीहा स्व. रीतलाल प्रसाद वर्मा के द्वारा किये गए मुख्य कार्यों की सूची जितना हम जमा कर पाए हैं निम्नलिखित है-
कोडरमा संसदीय क्षेत्र में नियोजन सृजन-मुल्क कार्य
1. सिंचाई हेतु महत्वपूर्ण योजनाओं को पास करवाया जिसमे कुछ पूरे हो चुके हैं कुछ पे काम चल रहा है। कोनार नहर परियोजना (बगोदर,डुमरी एवं विष्णुगढ़)। पंचखेरो जलाशय परियोजना ( मरकच्चो एवं धनवार)। केशो जलाशय परियोजना (मरकच्चो एवं कोडरमा)।
2. 285 डाक घरों की स्वीकृति
3. 25 दूरभाष केंद्रों की स्वीकृति।
4. कोडरमा एवं झुमरीतिलैया दूरभाष केंद्र की क्षमता दोगुनी कराना ।
5. 31 संस्कृत प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों की स्वीकृति।
6. 275 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों की स्वीकृति।
7. कोडरमा में दूरदर्शन केंद्र की स्वीकृति।
8. कोडरमा जिला मुख्यालय में परिसदन का निर्माण सांसद कोष से।
9. गझंडी रेलवे स्टेशन में ओवरब्रिज निर्माण एवं रेलवे हाई स्कूल की स्वीकृति।
झारखण्ड – विकास के संदर्भ किये गए बड़े कार्य
1. गिरिडीह से रांची वाया कोडरमा हजारीबाग रेल पथ परियोजना ( शिलान्यास 6 मार्च 1999 अटल जी द्वारा)।
2. कोडरमा में 1000 मेगा वाट के थर्मल पावर प्लांट की स्वीकृति।
3. पृथक डाक डिवीजन, गिरिडीह की स्वीकृति।
4. पृथक दूर संचार प्रमंडल, गिरिडीह की स्वीकृति।
5. स्टेट हाइवे के रूप में दो परियोजना की स्वीकृति । (1.हजारीबाग से देवघर 1997 2. जी टी रोड से गिरिडीह कोडरमा 1997 )।
6. 72 बैंक शाखाओं को कोडरमा संसदीय क्षेत्र में खुलवाया।
7. सात महाविद्यालय एवं 44 उच्च विद्यालय की स्थापना
8. 1997 – 98 में नाबार्ड द्वारा कोडरमा संसदीय क्षेत्र की 23 बड़ी नदियों पर पूल निर्माण की स्वीकृति । ( इसी फंड से पूल बनवा के बाबूलाल जी क्रेडीट लूटते फिरते हैं)।
9. वर्मा सेतु का निर्माण 1. खेशमी (मरकच्चो) में 2. पिंडाटांड़ में 3.पाराखरो (जमुआ) में।
10. दर्शनीय भव्य कमलाकार सूर्यमन्दिर (मिर्जागंज) में अर्ध कमल जलाशय निर्माण।
स्व. रीतलाल बाबू द्वारा पास कराई गई लंबित योजनाएं चार हैं जो राजनीतिक द्वेष के कारण पूरी नही होने दी गई या धोखे से दूसरे जगह ले जाया गया।
1. कोडरमा में स्वीकृत आयुध कारखाना जो रक्षा मंत्री द्वारा अवैध तरीके से राजगीर ले जाया गया।
2. डीवीसी द्वारा स्वीकृत की गई भलपहाड़ी जलाशय योजना।
3. हेवीवाटर ट्रीटमेंट प्लांट-तिलैया डेम।
4.टेलीफोन मेन्यूफेक्चरिंग फेक्ट्री गिरिडीह।
एक सांसद जो सदा विपक्ष में रहा कभी ठीक से पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा नही किया क्योंकि सरकार जल्दी गिरती थी और चुनाव जल्दी-जल्दी होते थे। इसलिए कभी 13 महीना कभी 18 महीना कभी 20 महीना के लिए ही MP रहते थे। ऊपर से उस समय सांसद कोटा बहुत कम होता था और विपशी पार्टी से MP थे।
जिस कारण कोई भी योजना लाना आसान नहीं था और छोटी पार्टी में होने के कारण संसद में बोलने के लिए मौका भी कम मिलता था। फिर भी इतनी बड़ी योजनाओं को पास कराया ये बहुत बड़ी बात है। इसके अलावा छोटे मोटे विकास कार्य तो अनगिनत हैं। और इनके राजनीतिक योगदान भी रहा है।