
मिथिलेश पाठक
लखनऊ। यूपी में सांसद-विधायक भी आम लोगों की तरह ही टोल प्लाजा से गुजरेगें। उनके लिए वीवीआईपी की तरह किसी अलग लेन का इंतजाम नहीं किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने 15 दिन पुराने अपने फैसले को पलटते हुए यह फरमान जारी किया है। मामला सामने आने के बाद सरकार की खासी किरकिरी हो गई थी।
लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव सदाकांत ने 13 जुलाई को जारी के एक आदेश में कहा कि था कि सभी टोल प्लाजा पर सांसद और विधायकों को गुजरने के लिए अलग से लेन बनाई जाए।
वीवीआईपी को यह विशेष सुविधा दिए जाने के बाद सरकार पर चौतरफा हमले शुरू हो गए। सोशल मीडिया से लेकर विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेर लिया। मामले में किरकिरी के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया कि वीवीआइपी या सांसद-विधायकों के लिए कहीं भी टोल पर अलग लेन नहीं बनाई जाएगी।
सभी आम लोगों की तरह आवागमन करेंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अपर मुख्य सचिव ने बकायदा इसके आदेश जारी कर दिए। उन्होंने कहा कि सभी वीवीआईपी तथा जन सामान्य के वाहनों के आवागमन के लिए टोल प्लाजा पर सभी सुविधाएं एक समान ही रहेंगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जो व्यवस्थाएं वर्तमान में हैं वही व्यवस्थाएं सभी के लिए एक समान लागू होगी। इस सम्बंध में संशोधित शासनादेश आदेश जारी करते हुए सभी कमिश्नर, डीएम, प्रमुख अभियंता (विकास), विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग तथा रीजनल आफिसर एनएचएआई को भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग तथा राज्य की प्रमुख सड़कों पर स्थित टोल प्लाजा-टोल कलेक्शन सेन्टर पर वीवीआईपी के वाहनों पर टैक्स से छूट देने और टोल प्लाजा पर अलग से किसी लाइन का निर्माण किए जाने को लेकर भ्रम था। इसलिए यह संशोधित आदेश जारी किया गया है।
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