नशा तस्कर नशे की खेप को पहुंचाने के लिए इंटरनेट कालिंग कर रहे हैं। एक माह में तस्करों ने सोशल मीडिया के जरिये दो बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया…
इस नेटवर्क को चलाने वाले तीनों भाई शर्मा, सतनाम और गुलशन स्मार्ट फोन पर सोशल मीडिया का उपयोग कर पाक तस्करों से संपर्क बनाते थे। इसी तरीके से तीनों लंबे समय से तस्करी को अंजाम दे रहे थे।
काउंटर इंटेलीजेंस विंग ने 19 जनवरी को बॉर्डर एरिया में गुरदीप सिंह उर्फ गिपन को 310 ग्राम हेरोइन सहित पकड़ा। जांच के दौरान पता चला कि गुरदीप सिंह स्मार्ट फोन पर वाट्सएप पर पाकिस्तान के हाकूवाला गांव के तस्कर अकबर के संपर्क में था।
अकबर ने उसे वाट्सएप पर भेजी डेढ़ मिनट की वीडियो से समझा दिया कि वह किस तरह थर्मस में हेरोइन छिपाकर उसे डिलीवरी देगा। हैरान करने वाली बात यह है कि गुरदीप सिंह के फोन में एक दर्जन पाकिस्तान के फोन नंबर फीड थे। वह सभी से वॉयस कॉल की बजाय वाट्सएप से संपर्क करता था।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार वोइप एक ऐसा सिस्टम है, जिसमें इंटरनेट से कॉल की जा सकती है। कई ऐसी वेबसाइट्स हैं, जो वोइप कॉलिंग की सुविधा देती हैं। यह वेबसाइट्स विभिन्न देशों में दिन में निर्धारित समय के लिए फ्री कॉल की सुविधा भी देती हैं। अगर कोई ऐसी वेबसाइट से कॉल की सुविधा लेता है तो कॉल रिसीव करने वाले के मोबाइल पर तीन डिजिट का कोड प्रदर्शित होता है। इससे आउटगोइंग कॉल नहीं होती। मास्किंग कॉल के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है। इसमें कॉलर द्वारा मनचाहे नंबर डिजिट फीड कर दिए जाते हैं। यही नंबर रिसीवर के फोन पर प्रदर्शित होते हैं।
एसटीएफ की बॉर्डर रेंज के एआइजी रिछपाल सिंह के अनुसार सोशल मीडिया और इंटरनेट कॉलिंग का उपयोग करने वाले तस्करों को पकडऩा बड़ी चुनौती है। वाट्सएप और अन्य तरह के सोशल मीडिया पर हुई बातचीत और चैटिंग को ट्रेस करना मुश्किल है। इसकी लोकेशन और कॉल डिटेल भी रिकॉर्ड नहीं की जा सकती है। एआइजी के अनुसार अब ज्यादातर तस्कर सोशल मीडिया का उपयोग करने लगे हैं।